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राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत सरकार किसानो को नए साल में दे रही तोहफा आइये जाने!

राष्ट्रीय बांस मिशन योजना 2025 आवेदन उद्देस्य, लाभ, मुनाफा

दोस्तों आज इस पोस्ट में हम आपको इसी राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के बारे में बतायेगे। जैसे की माना जाता है की बांस की खेती किसानो के लिए फायदेमंद या लाभदायक है। जिन किसानो के जमीन उपजाऊ नहीं होती वह हमेशा इसकी तरफ रुख करते है लेकिन अब इस खेती की तरफ से देश में धीरे धीरे किसानो का लगाव घट रहा है इसी को ध्यान देते हुए केंद्र सरकार किसानो को इस बांस की खेती की ओर प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय बांस मिशन योजना 2022 लेकर आयी है। लेकिन इस योजना का फायदा अब 2025 में भी उठा सकते है।

राष्ट्रीय बांस मिशन योजना

राष्ट्रीय बम्बू मिशन योजना क्या है?

किसानो के हित को ध्यान में रखते हुए देश में कई योजनाए केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही है। इन योजनाओं में से एक राष्ट्रीय बम्बू मिशन योजना भी है, इस योजना के तहत किसान करोड़ो की कमाई कर सकती है इतना ही नहीं केंद्र सरकार ने राष्ट्रिय बांस मिशन योजना के द्वारा किसानो को बांस की खेती करने पर 50000 रुपये की सब्सिडी दिए जाने का प्रवन्ध किया है। किसानो को यह सब्सिडी तीन वर्षो में तीन किस्तों में दी जाएगी। पहले साल 60 %, दूसरे साल 30 % तथा तीसरे साल 20 % अनुदान दिया जायेगा।
इतना ही नहीं और इस योजना के तहत अगर किसान बांस की खेती करते है तो उन्हें प्रति पौधा 120 रुपये सरकार की ओर से दिए जायेगे। सरकार की कोशिश है की किसान बांस की खेती करके मोटा लाभ कमाए और हाल ही में सरकार नए नियम लागू करते हुए कहा था की बांस काटने पर अब फारेस्ट एक्ट नहीं लगाया जायेगा। किसान बिना किसी रुकावट के बांस की खेती कर सकते है।

National Bamboo Mission का मुख्य उद्देस्य

अब आपको बता दे की इस राष्ट्रीय बांस मिशन का उद्देस्य क्या है ? मोटे तौर पर देखे तो इसका लाभ इस प्रकार से है।
उत्पादकता में सुधार और उद्योग के लिए घरेलु कच्चे माल की उपयुक्ता के माध्यम से बांस और इसके उत्पादों के आयत पर निर्भरता को कम करने के प्रयासों को फिर से संघटित करना, ताकि प्र्रार्थमिक उत्पादों के आय में वृद्धि हो सके। ताकि प्लास्टिक के उपयोग को कम करने या प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से ख़त्म करना है और बांस के बने चीजों का उपयोग करना है। बांस के द्वारा बहुत सारे पदार्थ बनाये जा सकते है जिसका उपयोग प्लास्टिक से बने पदार्थ की जगह किया जा सकता है। वहीँ प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करना या फिर सिंगल यूज़ प्लास्टिक को पूरी तरह से बंद करना ही इस योजना का उद्देस्य है।

किसानो की बंजर जमीन अब ऊगा सकती है हरा सोना

दोस्तों आप सभी को बता दे की कई राज्यों के ज्यादातर बंजर जमीन या मौसम की मार की वजह से परेशां रहते है। भारत में बांस की खेती की रोपाई जुलाई माह से होती है, इसका पौधा खाद अपनी पत्तियों से बनता है। ऐसे में पौधे को अलग से खाद, पानी देने की आवश्यकता नहीं होती है और ऐसे में बांस की खेती उनके लिए वरदान साबित हो सकती है इसकी वजह यह है की बांस के पौधों के लिए किसी ख़ास तरह की उपजाऊ जमीन की आवश्यकता नहीं होती है। और आपको यह भी बता दे की चीन के बाद बांस की खेती में भारत दूसरा स्थान पर है। लेकिन धीरे धीरे किसान का इससे मोह भंग हो रहा है सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है।

इस योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड नंबर
  • जमीन के पेपर(कागज़)
  • जाती प्रमाण पत्र(SC / ST)
  • फ़ोन नंबर / मोबाइल नंबर
  • बैंक खता (पासबुक)
  • किसान की फोटो
  • DPR (डीपीआर)

इस योजना का लाभ उठाने के लिए जो भी जरूरी दस्तावेजों का जिक्र किया गया है वो अलग अलग राज्यों में अलग अलग प्रकार के हो सकते है।

राष्ट्रिय बांस मिशन के लिए अप्लाई कैसे करे?

आपको इस योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा, वहां जाने के बाद फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक कर फॉर्म को भरना पड़ेगा, जो भी जानकारी आपसे मांगी जाए आप उसे वहां सही सही भर दे, इसके बाद फॉर्म को सबमिट कर दे आपका फॉर्म भरा जायेगा।

निर्माण से लेकर दवा बनाने तक बांस का उपयोग आइये समझे !

नेशनल बम्बू मिशन के द्वारा हर राज्य में मिशन डायहेक्टर बनाये गए है जो जिलावार प्रगति और निगरानी तय करते है। एग्रीकल्चर फारेस्ट और इंडस्ट्री यानी कृषि, वन, और उद्योग तीन विभाग शामिल है जो उद्योग विभाग उत्पाद की मार्केटिंग को अंजाम देता है। और बांस का इस्तेमाल निर्माण से लेकर दवाओं तक हर क्षेत्र में है, देश के पहाड़ी राज्यों में बांस का यूज़ भवन निर्माण सामग्री के रूप में किया जाता है। इसके अलावा टोपी, फर्नीचर, डाली, सजावटी सामान आदि बनाने में इसका इस्तेमाल होता है।

कृषि उन्नति योजना के बारे में यहाँ से जाने।

सरकार करवा रही है 136 प्रजातियों की बांस की खेती

राष्ट्रीय बांस मिशन योजना के अनुसार देश में इस समय 136 बांस की प्रजातियों की खेती की जा रही है, सरकार का लक्ष्य अब इस उत्पादन में वृद्धि करना है उसकी ओर से इससे जुड़े उत्पादों को बढ़ावा देने की भी पूरी कोशिश की जा रही है और इसमें 125 प्रजातियां स्वदेशी और 11 विदेसी प्रजातियां है और ये भी बता दे की अपने देश में हर साल 13.96 मिलियन टन बांस का उत्पादन होता है।

बांस की खेती 40 से लेकर 50 साल तक मुनाफा देता है

किसान हर साल एक एकड़ बांस से 25 से 30 हजार रुपये की कल्ले बेच सकते है और हर कटाई के बाद बांस का पौधा फिर से विकास करने लगता है और इसके अलावा बांस के साथ मुंग, चना, गेहूँ, जौ, तिल आदि या सरसो की फसल लगायी जा सकती है और इस खेती से हर साल 3 से 4 लाख तक का मुनाफा कमाया जाना संभव है। और आपको यह जानकर ख़ुशी होगा की लगाने के बाद बांस का पौधा 40 से लेकर 50 साल तक मुनाफा देता है।

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